पिछोर। पिछोर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत छपरा में सरपंच द्वारा लगभग 6 साल पहले श्मशान घाट का निर्माण तो करवा दिया, परंतु अभी शमशान घाट तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं बन सका है। जिसके कारण अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत छपरा में ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए तत्कालीन सरपंच द्वारा शासकीय भूमि पर श्मशान घाट का निर्माण करा दिया गया था। परंतु रास्ते के लिए शासकीय भूमि नहीं होने के कारण अभी तक रास्ता नहीं बन सका है। जिसके कारण लोगों को परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परेशानी उस समय ज्यादा बढ़ जाती है जब खेतों में फसल लगी हो या फिर बरसात का मौसम हो। मुक्तिधाम तक रास्ता बनाए जाने के लिए ग्रामीण कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक रास्ता नहीं बन सका है।
अर्थी के गिरने का लगा रहता है डर
गांव के पास बने मुक्तिधाम पर अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए जाने वाले लोगों को काफी संभलकर निकलना पड़ता है, क्योंकि मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को खेत से होकर निकलना पड़ता है। कई बार तो अर्थी ले जाने वाले लोगों के फिसलने के कारण अर्थी के गिरने की स्थित बन जाती है, रास्ते में अर्थी न गिरे इसके लिए अर्थी के आसपास लोगों को ध्यान रखने के लिए चलना पड़ता है।
बरसात में बढ़ जाती है परेशानी
मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए ग्रामीण सर्दी व गर्मी के मौसम में जैसे-तैसे निकल जाते हैं परंतु बरसात के मौसम में ग्रामीणों को अंतिम संस्कार करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकिबरसात के मौसम में खेतों में पानी भरा होने के कारण लोगों का मेड़ों पर चलना मुश्किल हो जाता है। मजबूरी में लोगों को खेतों से भरे पानी के बीच से होकर निकलना पड़ता है, क्योंकि मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए इसके अलावा दूसरा रास्ता नहीं है।
इनका कहना है-
ग्राम पंचायत छपरा में पिछली पंचवर्षीय में शमशान घाट का निर्माण कराया गया था। इसलिए मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए मैं इस संबंध में जानकारी लेता हूं और कोशिश करेंगे कि ग्रामीणों की आपसी सहमति से रास्ता बन जाए।
हरविलास सिंह, सचिव, ग्राम पंचायत छपरा