भितरवार। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए क्षेत्र के कई किसान अब पारंपरिक खेती के साथ सब्जी की पैदावार करके अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं। खेती के साथ पैदा की जा रही सब्जियों का लाभ किसानों को मिलने लगा है। स्थानीय सब्जी मंडी में आसपास के गांवों से सब्जी की आवक कम होने से मंडी में व्यापारियों ने बाहर से सब्जी मंगाना लगभग बंद कर दिया है। इसका पूरा लाभ स्थानीय किसानों को मिल रहा है।
गौरतलब है कि प्रकृति की मार झेलने के बाद उत्पादन की गई फसल का उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानों को खेती के व्यवसाय में घाटा होने लगा था और वाजिब दाम नहीं मिल पाने के कारण किसान के खाद बीज की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया था। प्रकृति की मार झेल रहे किसानों ने इस परेशानी से उबरने के लिए पारंपरिक खेती के साथ उद्यानिकी खेती करना शुरू कर दी और सब्जी पैदा करने लगे। आसपास के किसानों को सब्जी की खेती करते अन्य किसानों ने सब्जी लगाना शुरू कर दी और खेती को लाभ का धंधा बना लिया।
विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम बरौआ, अमरोल, चरखा, इकहरा, बागवई, छिरेंटा, भानगढ़, मोहनगढ़, डरूमर, सिला तथा पलायछा आदि गांवों में किसानों द्वारा गेहूं की फसल के साथ सब्जी की खेती की जा रही है। किसानों द्वारा लगाई जा रही सब्जियों की स्थानीय मंडी में आवक बढ़ी है। ऐसी स्थिति में सब्जी व्यापारियों ने बाहर से सब्जी मंगाना कम कर दिया है। वहीं लोगों को कम दामों में ताजा सब्जियां उपलब्ध हो रही हैं।
इन सब्जियों की हो रही है पैदावार
क्षेत्र में गेहूं, चना एवं सरसों की फसल के साथ किसानों द्वारा आलू, गोभी, टमाटर, बैगन, धनियां, मिर्च, सेमफली, चुकंदर, मूली, गाजर, प्याज तथा लहसुन आदि सब्जियों की बोवनी की जा रही है। निश्चित समयावधि के साथ पैदा हो रही सब्जियों को किसान सब्जी मंडी लेकर पहुंच रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं। ग्राम बरौआ निवासी किसान जगराम सिंह रावत ने बताया कि वह भी पारंपरिक खेती के साथ में सब्जी की खेती कर रहे है। मैं खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए अपनी पांच बीघा जमीन में गेहूं की फसल के साथ सब्जी की खेती कर रहा हूं। वहीं कृषक जगराम ने बताया कि सब्जी की खेती में हम लोग जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं और कीटनाशकों के लिए गोमूत्र का छिड़काव कर रहे हैं।
इनका कहना है
आसपास के किसानों द्वारा पैदा की जा रही सब्जियों से मंडी में भारी मात्रा में सब्जी का आवक हो रही है। किसानों द्वारा लाई जा रही सब्जियों वजह से बाहर से सब्जी मंगाना बंद कर दिया है।
भाग सिंह कुशवाह, सब्जी विक्रेता।
खेती में लाभ मिले इसके लिए हमने गेहूं के फसल के साथ सब्जी की खेती की है। सब्जी की पैदावार हमें लाभ हुआ है। अब हमने गर्मी के मौसम के लिए सब्जियों की बोवनी कर दी है।
जगराम सिंह रावत, किसान।