अमाही जलाशय से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने पर प्रतिबंध

अशोकनगर । शहर के नागरिकों के लिए जल स्त्रोत अमाही जलाशय से पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। इस तालाब की जल क्षमता 23 फीट है। इसी तालाब से खेती के लिए भी पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन जब तालाब का जल स्तर 16 फीट पर आ जाता है तब सिंचाई पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है और शेष पानी शहर के नागरिकों के लिए बचाकर रखा जाता है। सोमवार से इस जलाशय से कृषि के लिए निकली नहर को बंद कर दिया गया है और शहर के नागरिकों के लिए पीने के लिए पानी वाली नहर को खोलकर रखा गया है। यह 16 फीट पानी शहर की जनता के लिए है। इस पानी का उपयोग अब कृषि के लिए रोक दिया गया है। वर्ष 1965 में अशोकनगर के लिए ग्वालियर स्टेट के समय बने इस तालाब से नगरपालिका परिषद अशोकनगर द्वारा घर बैठे पानी प्राप्त करने के लिए एक जल प्रदाय योजना की शुरूआत की गयी थी। 55 वर्ष व्यतीत हो गए है। आज भी यहां की जनता इसी तालाब से पानी की आपूर्ति कर रही है। इस क्षेत्र से चुने जाने वाले प्रतिनिधि यह भूल चुके है कि पानी जैसी बुनियादी समस्या को आखिर कब तक इस तालाब से पूरा किया जा सकेगा। गांव से शहर में तब्दील हो चुके इस जिला मुख्यालय के नगर को आज भी वर्षों पुरानी व्यवस्था से ही एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जा रहा है।



नपा के उपयंत्री अंबक पाराशर ने बताया कि सोमवार से खेती के लिए छोड़ी जाने वाली नहर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसके बाद से अब तालाब का पानी मात्र शहर के नागरिकों की प्यास बुझाने के लिए ही बचाकर रखा गया है। अशोकनगर शहर को एक दिन छोड़कर 135 लाख लीटर पानी प्रदाय किया जाता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिव्यक्ति को 135 लीटर पानी की प्रतिदिन आवश्यकता होती है, लेकिन हम एक दिन छोड़कर 70 लीटर पानी प्रति व्यक्ति के मान से प्रदाय कर रहे है। यदि चार लोगों का परिवार है और एक घंटे पानी की आपूर्ति होती है तो आसानी से 300 लीटर की टंकी को भरा जा सकता है। इस तरह लोगों को हम एक दिन छोड़कर यह पानी उपलब्ध करा रहे है।



शहर में पानी की उपलब्धता को लेकर एक तो वह नागरिक है जो सीधे पाइप लाइन के माध्यम से नलों के द्वारा घर बैठे पानी की आपूर्ति करते है। उनकी आबादी 70 प्रतिशत है और एक वह नागरिक है जहां पानी की पाइप लाइन उपलब्ध नहीं है वहां के लोग 43 ट्यूबबेल और 294 हैंडपंपों के माध्यम से शहर में पानी की आपूर्ति करते है। नपा यह प्रयास कर रही है कि शहर की जनता को प्रतिदिन पानी उपलब्ध हो इसके लिए एक योजना बनाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से पुराने जल शुद्घीकरण संयंत्र को चालू किया जा रहा है। जिसमें डेढ़ माह से अधिक का समय लग सकता है। इसके माध्यम से प्रतिदिन 80 लीटर पानी लोगों को प्रदान किया जा सकेगा।


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