अंबिकापुर। दहेज प्रतिषेध, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण विषय पर जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय अंबिकापुर के सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला में बताया गया कि कार्य स्थल पर महिला के लैंगिक उत्पीड़न निवारण हेतु दस कर्मचारियों वाले कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति गठित कर कार्यालय के सूचना पटल एवं विभागीय बेवसाइट पर अपलोड कर जरूरी है।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जनार्दन खरे के द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अंतर्गत दहेज क्या है। दहेज लेने या देने की दंड विधि एवं विधिक सहायता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। तत्पश्चात जिला स्तरीय स्थानीय शिकायत समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता आशा तिवारी के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के अंतर्गत जिन कार्यालय में 10 या 10 से अधिक कर्मचारी हैं। उन सभी कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन कर अध्यक्ष एवं सदस्यों की सूची विभागीय सूचना पटल तथा विभागीय वेबसाइट पर अंकित किए जाने संबंधी जानकारी प्रदान की गई। संरक्षण अधिकारी सुलेखा कश्यप ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत घरेलू हिंसा, घरेलू हिंसा के प्रकार के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत पीड़ित महिलाएं भरण-पोषण, संरक्षण, निवास, प्रतिकर, विधिक सहायता, पुलिस सहायता, आश्रय सुविधा, चिकित्सा सुविधा एवं परामर्श सुविधा निःशुल्क प्राप्त कर सकती हैं। जिला स्तरीय कार्यशाला में स्थाई लोक अदालत के सदस्य भोलानाथ गुप्ता सभी कार्यालय में गठित आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष समाज सेविका वंदना दत्ता तथा संबंधित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।