जरूरतमंदों के पेट की भूख मिटाती हैं शहर की ये महिलाएं

अंबिकापुर । वर्षों से नगर के साप्ताहिक बाजार के शेड में रात बिताने वाले जरूरतमंदों जिनमें अधिकांश भिक्षाटन कर जीवन यापन करने वाले लोग शामिल होते हैं। ऐसे लोगों को सप्ताह में तीन दिन भोजन कराने वाली महिलाओं के एक समूह ने उन लोगों को एक सबक सिखाया है जो बड़ी-बड़ी शादी पार्टियों में लजीज व्यंजनों को खाते कम और फेंकने अधिक हैं। बड़े पैमाने पर शादी पार्टियों से भोजन बाहर फेंक दी जाती हैं जिसे दुबारा उपयोग भी नहीं किया जा सकता। शहर की रात्रिकालीन भोजन समिति की महिलाओं ने अनूठी पहल कर सप्ताह में तीन दिन ही सही पर इन जरूरतमंदों को अपने परिवार के सदस्य की तरह बाजार के शेड में बैठाकर न सिर्फ भोजन कराती है बल्कि समय-समय पर गर्म कपड़े और जरूरत के कपड़े उपलब्ध कराती हैं।


वर्ष 2016 से जरूरतमंदों को रात्रि में भोजन करा रही हैं। बाजार के झाले में रह रहे बुजुर्ग, भिक्षावृत्ति करने वाले जरूरतमंद, मजदूर वर्ग जो रात्रि में आकर यहीं विश्राम करते है। सप्ताह के सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को भरपेट भोजन कराने की जिम्मेदारी इन महिलाओं ने उठाई है। इन महिलाओं ने समूह में ही चर्चा कर सब अपने घर से भोजन बनाकर लाती है और परोसकर खिलाती हैं। कोई नगद राशि नहीं ली जाती, कंपनी बाजार के व्यापारी एवं पार्षद का भी व्यवस्था में सहयोग मिलता रहता है। इन महिलाओं द्वारा शहर के दो तीन प्रतिष्ठानों व होटल से खाना बनवाकर निःशुल्क सेवा ली जाती है। कोई जन्मदिन, परिवार के सदस्यों की स्मृति में भी भोजन बनाकर इन जरूरतमंदों को कराते हैं। त्यौहार में विशेष भोजन भी कराया जाता है। आंधी, पानी, ठंड, गर्मी में रात्रिकालीन भोजन करने वाले जरूरतमंद अब इन महिलाओं का खूब इंतजार करते हैं। विषम परिस्थिति में भी भोजन कराने से ये महिलाएं नहीं चूकतीं।


 

ठंड में सूप गर्मी में शर्बत


इन महिलाओं द्वारा जरूरतमंदों को ठंड में सूप, गर्मी में शर्बत भी पिलाया जाता है। समय-समय पर लजीज व्यंजन खिलाकर भी महिलाएं इन जरूरतमन्दों के चेहरे पर मुस्कान लातीं हैं।


ये महिलाएं दे रहीं रात्रिकालीन भोजन सेवा


रात्रिकालीन भोजन संचालित करने वाली महिलाओं में शहर की वंदना दत्ता, रेखा इंगोले, सीमा अग्रवाल, हिना रिजवी, सुनीता अग्रवाल, तनुश्री मिश्रा, बलविंदर टुटेजा, श्रद्धा खेरपाण्डे, वसुधा तिवारी, ज्योति द्विवेदी, संगीता सिंह, चैती अग्रवाल, सरफुननिशा, नसरीन, हिना परवीन, शिल्पी सिंह, आशा बंसल, स्मिता तिवारी, राधिका सिंह, अनुराधा सिंह, डॉली भल्ला, सरिता भाटिया, लीली बसु, रीता अग्रवाल, श्वेता गुप्ता, महजबी अहमद, आकाश गुप्ता, राकेश अग्रवाल का सहयोग रहता है।


 

सप्ताह में छह दिन भोजन कराने की योजना


समिति की वंदना दत्ता ने बताया कि सभी महिलाएं सभी सप्ताह में छह दिन भोजन करा सकें ऐसी इच्छा रखते है ओर प्रयासरत हैं। प्रतिदिन 30 से 35 लोगों को भरपेट भोजन कराया जाता है। शाम सात बजे से बहनें कंपनी बाजार में एकत्रित हो जातीं हैं। उन्होंने बताया कि शेड में रहनी वाली एक बुजुर्ग महिला ने सेवा से उत्साहित हो भीख में मिले कुम्हड़े को जमा किया और भेंट किया। बुजुर्ग महिला का कहना था आप इसकी सब्जी बनाकर खिलाइएगा। इतना कह इसकी आंखें भर आईं।


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