अंबिकापुर। सरगुजा जिला कृषि प्रधान जिला माना जाता है, यहां हर तरह की खेती के लिए मौसम अनुकूल है। शायद यही कारण है कि अब यहां वैकल्पिक कृषि पर लोगों का ध्यान गया है। खासकर महिलाओं ने वैकल्पिक कृषि को अपनाकर आय अर्जन का नया जरिया बना लिया है। महिलाओं ने बकायदे प्रशिक्षण प्राप्त कर मशरूम की खेती घर में कर मंजिल आर्थिक मंजिल छूने का प्रयास किया है। यह सभी महिलाएं उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का काम कर रही हैं, जो शासकीय नौकरी और लोगों के घरों में जाकर काम करने की और जो गांव रखते हैं और परेशान होती हैं। अंबिकापुर के कुछ महिलाओं ने तो इस क्षेत्र में इतना बेहतर काम शुरू किया है कि अब लाखों रुपये कमाने लगी है। शहर की एक महिला ने तो मशरूम उत्पादन कर अन्य महिलाओं को एक नई सीख दे दी है। कम जगह और कम संसाधन में कैसे मशरूम उत्पादन कर न सिर्फ पहचान बनाई जा सकती है बल्कि अपने घर परिवार को भी मजबूत किया जा सकता है। सरगुजा के पांच ऐसी महिलाएं हैं जो काफी परेशान रहते थे। आर्थिक आयोजन का कोई साधन नहीं था, किंतु इन पांचों महिलाओं ने मशरूम उत्पादन कर आजीविका का बड़ा साधन ढूंढ निकाला है और अन्य महिलाओं को मशरूम उत्पादन की प्रणाली दे रही हैं। नईदुनिया ने ऐसे मशरूम उत्पादक पांच महिलाओं को महिला दिवस के अवसर पर चुना। महिलाओं को प्रेरणा देने इनसे इनकी मशरूम तैयार करने की तकनीक को जाना। नई कृषि प्रधान सरगुजा में महिलाओं ने कृषि के अलावा अब वैकल्पिक कृषि को अपनाकर अपनी अलग पहचान बना ली है। ये महिलाएं न केवल कृषि कार्य कर रही है। बचे समय मे वर्ष भर वैकल्पिक कृषि (मशरुम उत्पादन और मशरुम प्रसंस्करण) के माध्यम से आय अर्जन करने के साथ-साथ परिवार का भरण पोषण भी कर रही है।
नाम- गजाला परवीन
पति- फिरोज खान
उम्र- 33 वर्ष
शिक्षा- स्नातक
पता- ग्राम-धौरपुर, विकासखंड- लुंड्रा, सरगुजा
व्यवसाय- मशरुम उत्पादन
प्रशिक्षण- जिला पंचायत के सहयोग से बायोटेक लैब उद्यान विभाग के द्वारा सन 2019 में। गजाला परवीन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध लक्ष्मी महिला स्वम सहायता समूह की सदस्य है। बीते वर्ष मशरुम उत्पादन से इन्होंने एक लाख 37 हजार 300 रुपये की आय प्राप्त की है।
नाम- सुमति मिश्रा
पति- स्व. राघवेश मिश्रा
उम्र- 54 वर्ष
शिक्षा- दसवीं
पता- सतीपारा, अंबिकापुर सरगुजा
व्यवसाय- मशरुम उत्पादन एवं प्रसंस्करण
प्रशिक्षण- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना द्वारा बायोटेक लैब उद्यान विभाग से सन 2017 में। सुमति मिश्रा मशरुम उत्पादन के साथ-साथ मशरुम प्रसंस्करण द्वारा मशरुम आचार, मशरुम पापड़, मशरुम बड़ी का निर्माण कर विक्रय करती है। बीते वर्ष मशरुम उत्पादन से इन्होंने 28 हजार 700 रुपये की आय प्राप्त की है।
नाम- देवराजो यादव
पति- सुस्तम यादव
उम्र- 32 वर्ष
शिक्षा- बारहवीं
पता- ग्राम-पडौली, विकासखंड- लुंड्रा, सरगुजा
व्यवसाय- मशरुम उत्पादन
प्रशिक्षण- जिला पंचायत के सहयोग से बायोटेक लैब उद्यान विभाग के द्वारा सन 2019 में। देवराजो यादव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध एकता महिला स्वम सहायता समूह की सदस्य है। बीते वर्ष मशरुम उत्पादन से इन्होंने 26 हजार 300 रुपये की आय प्राप्त की है।
नाम- निशा लकड़ा
पिता- राजपाल लकड़ा
उम्र- 25 वर्ष
शिक्षा- बारहवीं
पता- ग्राम-लक्ष्मीपुर, अंबिकापुर सरगुजा
व्यवसाय- मशरुम उत्पादन
प्रशिक्षण- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना द्वारा बायोटेक लैब उद्यान विभाग के द्वारा सन 2017 में। निशा लकड़ा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध मां आदिशक्ति महिला स्वम सहायता समूह की सदस्य है। बीते वर्ष मशरुम उत्पादन से इन्होंने 78 हजार 400 रुपये की आय प्राप्त की है।
नाम- बबीता अघरिया
पति- विद्या अघरिया
उम्र- 34 वर्ष
शिक्षा- साक्षर
पता- ग्राम-बटवाही, विकासखंड- लुंड्रा, सरगुजा
व्यवसाय- मशरुम उत्पादन एवं प्रसंस्करण
प्रशिक्षण- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना द्वारा बायोटेक लैब उद्यान विभाग के द्वारा सन 2017 में। बबीता अघरिया राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध जोहार महिला स्वम सहायता समूह की सदस्य है। मशरुम उत्पादन से प्राप्त आय से इन्होंने किराना दुकान और डीजे लिया है। उद्यान विभाग द्वारा इन्हें राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना द्वारा सोलर ड्रायर प्रदान किया गया है, जिसकी मदद से मशरुम सूखा कर मशरुम आचार और मशरुम पापड़ का निर्माण कर रही है। बीते वर्ष मशरुम उत्पादन से इन्होंने 36 हजार 200 रुपये की आय प्राप्त की है।