निगम कर्मियों को दो टूक- अवैध वसूली पर सीधे एफआइआर

अंबिकापुर । नगर निगम में दूसरी बार सत्तासीन कांग्रेस ने कामकाज में कसावट के साथ ही निगम के पास उपलब्ध संसाधनों से अतिरिक्त आय अर्जित करने को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मेयर डा. अजय तिर्की की अध्यक्षता में आयोजित एमआइसी की बैठक में सभी सदस्यों को चेंबर उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी विभागों की फाइल आयुक्त को भेजने से पहले सदस्यों से सहमति लेने का निर्देश दिया गया। भवन शाखा और राजस्व वसूली के कार्य में वित्तीय अनियमितता की लगातार सामने आ रही शिकायतों पर बिफरे लोक निर्माण विभाग के प्रभारी सदस्य शफी अहमद ने अधिकारी-कर्मचारियों को चेताया कि कामकाज में सुधार लाना होगा। अवैध वसूली की शिकायत सामने आई तो संबंधितों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ ही कठोर कार्रवाई की जाएगी। लोक निर्माण विभाग के प्रभारी सदस्य शफी अहमद के कड़े तेवर से अधिकारी-कर्मचारी सकते में नजर आए।


नगर निगम अंबिकापुर के भवन शाखा के कामकाज को लेकर शिकायतें पुरानी हैं। इस शाखा से जुड़े कुछ कर्मचारियों द्वारा अवैध निर्माण को बढ़ावा देने तथा अवैध उगाही करने के आरोप लगते रहे हैं। शहर में अस्थाई दखल शुल्क की वसूली में वित्तीय अनियमितता की शिकायत भी लगातार सामने आती है। ज्यादा वसूली और निगम में कम राशि जमा करने की पुरानी शिकायतों पर दूसरे कार्यकाल के दूसरे एमआइसी की बैठक में सभापति शफी अहमद ने कड़ी नाराजगी जताई। बैठक आरंभ होते ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पूछा कि एमआइसी सदस्यों को अभी तक चेंबर मिला है या नहीं। अधिकांश सदस्यों के चेंबर की व्यवस्था नहीं की गई है। इसपर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए तत्काल एमआइसी सदस्यों के लिए चेंबर उपलब्ध कराने का कड़ा निर्देश दिया। शाखा प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि बैठक की निर्धारित तिथि से कम से कम तीन दिन पहले एजेंडे की कापी उपलब्ध करानी होगी। बैठक आरंभ होने से पहले एजेंडा उपलब्ध कराने की परिपाटी से बाहर निकलना होगा। अलग-अलग विभाग की फाइल सीधे कमिश्नर के बजाए एमआइसी सदस्यों से होकर गुजरेगी। उनके सुझावों पर भी अमल होना चाहिए। भवन शाखा में वर्ष 2018-19 के कई प्रकरण लंबित रहने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। भवन निर्माण शाखा के कुछ कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत पर भी उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अब ऐसे कर्मचारियों की शिकायत सामने आई तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। या तो कायदे से काम करना होगा या फिर उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। अस्थाई दखल शुल्क में पूरी पारदर्शिता और वसूली के अनुरूप राशि नगर निगम में जमा करने की हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर कर्मचारी छोड़े नहीं जाएंगे। बैठक में एमआइसी सदस्य द्वितेंद्र मिश्रा, शैलेंद्र सोनी, विनोद एक्का, गीता प्रजापति, मेराज गुड्डू, शमा परवीन, देवेंद्र सिंह रावत, निगम आयुक्त हरेश मंडावी तथा सभी शाखाओं के प्रभारी अधिकारी मौजूद रहे।


निर्माण कार्य में पांच वर्ष मेंटेनेंस भी


नगर निगम क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों में गुणवत्ता तथा पारदर्शिता के लिए निविदा के नियमों में भी बदलाव की अनुशंसा कर दी गई। अब नगर निगम की निविदा में किसी भी निर्माण कार्य का ठेका प्राप्त करने वाली ठेका कंपनी को पांच वर्ष मेंटेनेंस की जवाबदारी भी लेनी पड़ेगी। निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता वाले ठेकेदार ही निविदा में भाग ले सकेंगे। इसके लिए बकायदा उन्हें संसाधनों का प्रमाण भी देना होगा। नियमित रूप से जनप्रतिनिधि भी निर्माण कार्यों की जांच करेंगे। जहां भी शिकायत आई अथवा गुणवत्ता में कमी पाई गई तो संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।


 

उपलब्ध संसाधनों पर अतिरिक्त आय की सोच


एमआइसी की बैठक में नगर निगम के पास उपलब्ध संसाधनों से ही अतिरिक्त आय अर्जित करने का सुझाव भी सामने आया। इन सुझावों को अमल में लाने पर विचार किया गया। वाटर पार्क में वर्तमान में 16 कर्मचारी हैं और इसके संचालन में निगम को चार से पांच लाख रुपये अतिरिक्त खर्च करनी पड़ती है। यदि कोई निजी कंपनी इसके संचालन का जिम्मा लेकर सारी व्यवस्था कर आय उपलब्ध कराने का प्रस्ताव देती है तो पीपीपी माडल पर उसे उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रतीक्षा बस स्टैंड के टर्मिनल बिल्डिंग के उपरी छत, पुराना बस स्टैंड को भी पीपीपी माडल पर निजी क्षेत्र को सौंपने की अनुशंसा की गई। सामान्य सभा पर भी इन सारे मुद्दों पर चर्चा कर अंतिम निर्णय लेने पर सहमति बनी।


राजमाता के नाम पर सड़क व प्रतिमा


एमआइसी की बैठक में अविभाजित मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव के सम्मान व स्मृति स्वरूप खरसिया चौक का नामकरण उनके नाम पर करने तथा दरिमा मोड़ के नजदीक उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की भी अनुशंसा की गई। राज्य शासन के निर्देश के परिपालन में निर्णय लिया गया कि यदि वार्ड बढ़े तो नगर निगम क्षेत्र में एक वार्ड लोक कला मंच के दाउ रामचंद्र देशमुख व छग के प्रथम व्याकरणाचार्य हीरालाल के नाम से किया जाएगा।


चार अरब से अधिक का बजट, 63 करोड़ का प्रस्ताव तैयार


नगर निगम अंबिकापुर ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए चार अरब से अधिक का बजट तैयार किया है। उस बजट को एमआइसी से हरी झंडी दे दी गई है। निगम में दूसरी बार सत्तासीन कांग्रेस सरकार ने सभी वार्डों में जरूरत के हिसाब से 63 करोड़ रुपये का विकास व निर्माण कार्य का प्रस्ताव तैयार किया है। एकमुश्त इतनी राशि शासन स्तर से आबंटित नहीं होगी, इसलिए जिन वार्डो में ज्यादा जरूरी कार्य हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर आबंटन राशि के अनुरूप कार्य होगा।


Popular posts
कोरोनावायरस / ये राहत कहीं मुसीबत न बन जाए... 500 रुपए खाते में आने की खबर सुनते ही बैंकों के बाहर लग गई लंबी लाइन
कोरोना से राजधानी बंद / भोपाल में आज से टोटल लॉकडाउन; सिर्फ मेडिकल स्टोर और दूध पार्लर खुले, सुबह से सड़कों पर सन्नाटा
कोरोना वायरस / दरगाह में छिपकर पार्टी करने वाले छह लोग और 11 जमातियों के सैंपल जांच के लिए भेजे प्रतीकात्मक फोटो
Image
लियर में लॉकडाउन / जन्मदिन मना रहे लोगों को समझाने पहुंची प्रशासन की टीम पर हमला; तहसीलदार समेत कई पुलिस कर्मी घायल
Image
ग्वालियर / कोरोना के लक्षण, डॉक्टरों ने दवा देकर घर भेजा, दो घंटे बाद मौत
Image