प्रयागराज / इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर प्रफेसर आर एल हांगलू के कार्यकाल में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी में प्रफेसर और असोसिएट प्रफेसर सहित 32 शिक्षकों के चयन को चुनौती दी गई है। याचिका में पूरी चयन प्रक्रिया को ऑर्डिनेंस के विपरीत बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है। इस याचिका पर आज सुनवाई होगी।
जस्टिस विश्वनाथ सोमद्दर एवं जस्टिस डॉ. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गुरुवार को प्रदीप कुमार द्विवेदी की ओर से दाखिल इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। प्रदीप कुमार द्विवेदी के अनुसार, पूर्व कुलपति आरएल हांगलू ने अपने कार्यकाल में मनमाने तरीके से विभिन्न विभागों में शिक्षकों की नियुक्तियां कीं। इसी क्रम में हिन्दी विभाग में 32 शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं जो पूरी तरह अवैधानिक और अध्यादेश के विपरीत हैं।
याचिका में कहा गया कि, नियमानुसार पूरी चयन प्रक्रिया ही गलत है क्योंकि नियमानुसार चयन समिति में किसी भी बाहरी व्यक्ति को शामिल नहीं किया जा सकता था, लेकिन इन शिक्षकों का चयन करने वाली समिति में प्रो. गोपेश्वर सिंह शामिल थे। इसके अलावा स्क्रीनिंग कमिटी भी डिफेक्टिव थी।
आरोप है कि नियम का उल्लंघन कर भर्तियां की गईं
नियमानुसार स्क्रीनिंग कमेटी में विभागाध्यक्ष, डीन एवं दो एक्सपर्ट रह सकते थे। इनमें एक एक्सपर्ट बाहर का हो सकता था लेकिन प्रफेसर हांगलू ने मनमाने तरीके से स्क्रीनिंग कमेटी में दो की जगह तीन एक्सपर्ट रख दिए। नियम के अनुसार रिजेक्टेड कैंडिडेट का चयन किसी भी स्थिति में नहीं किया जा सकता, लेकिन इस चयन प्रक्रिया में कुछ रिजेक्टेड अभ्यर्थियों का भी चयन कर लिया गया।