शाढौरा । शीतला अष्टमी का पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया गया। शीतला मंदिरों में सुबह से ही माता की आराधना के लिए श्रद्धालु पहुंचे। माता को शीतल भोजन अर्पित करते हुए माता का श्रृंगार व पूजन किया गया। माता मोहल्ला स्थित मां शीतला मंदिर में सुबह पांच बजे से श्रद्धालु पहुंचे। चूंकि यह व्रत मां शीतला को समर्पित माना जाता है. इसलिए इस व्रत में पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा अर्चना की गई इस व्रत की तैयारियां एक दिन पहले से ही शुरू हो गई थी महिलाओं ने व्रत पर मां शीतला को बासी खाने का भोग लगाने के लिए एक रात पहले ही पूरी साफ सफाई से खाना बनाकर रख लिया था. व्रत वाले दिन यानी कि शीतलाष्टमी को सुबह ही नित्यकर्म और स्नान के बाद मां की पूजा के दौरान उन्हें इस बासी खाने का भोग लगाया गया इसके बाद यह खाना ही प्रसाद के तौर पर घर के अन्य सदस्यों को दिया गया .वहीं इस दिन घर में खाना बनाने या किसी अन्य काम के लिए भी चूल्हा नहीं जलाया गया। वहीं मंदिर के पुजारी पंडित ने बताया कि शीतला अष्टमी के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा की गई। ऐसी मान्यता है कि शीतला अष्टमी में पूजा व व्रत करने से माता की कृपा मिलती है। गर्मी में होने वाले ज्वर व बडी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। बहुत से घरों में चूल्हे नहीं जलाए गए।
शीतला अष्टमी पर हुई विशेष पूजा, लगाया भोग